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Ballia : बैरिया संग्राम: गोलियों के बीच फहराया गया तिरंगा, 20 हुए बलिदान

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बलिया। आजादी की जंग में बलिया के क्रांतिकारियों के किरदार की अनगिनत गौरव गाथाएं हैं। 1942 में स्वतंत्रता आंदोलन में मुंबई में नेताओं की गिरफ्तारी के बाद बलिया में भी आंदोलन की आग भड़क उठी थी।
आंदोलनकारी इक‌ट्ठा होकर ब्रिटिश सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिए थे। फिरंगियों के खिलाफ 12 अगस्त को लालगंज और 13 अगस्त को दोकंटी में ऐलान हुआ कि 14 अगस्त को बैरिया थाने पर कब्जा किया जाएगा। 14 अगस्त को क्षेत्र नायक के नेतृत्व में बजरंग आश्रम बहुआरा पर 300 लोग इक‌ट्ठा हुए और झंडाभिवादन कर शपथ ली कि हम बैरिया थाने पर कब्जा किए बिना पीछे नहीं हटेंगे। बहुआरा गांव के निवासी भूप नारायण सिंह को कमांडर नियुक्त किया। इसी गांव के रामजन्म पांडेय की अगुआई में क्रांतिकारी थाने की ओर चल दिए। थाने पर पहुंचकर कमांडर भूपनारायण सिंह और उनके कुछ साथी अंदर गए। उस समय के थानाध्यक्ष काजिम हुसैन से थाना छोड़कर जाने को कहा। थानाध्यक्ष काजिम हुसैन ने उस समय तो अधीनता स्वीकार कर ली, लेकिन क्रांतिकारियों के जाने के बाद पुनः तिरंगा हटा दिया गया। इसका बदला चुकाने की तारीख 17 अगस्त तय हुई।

अमर बलिदानियों के नाम
निर्भय कुमार सिंह, देवबसन कोइरी, नरसिंह राय, रामजनम गोड, रामप्रसाद उपाध्याय, मैनेजर सिंह, कौशल कुमार सिंह, रामदेव कुम्हार, रामवृक्ष राय, रामनगीना सोनार, छटू कमकर, देवकी सोनार, धर्मदेव मिश्र, श्रीराम तिवारी, मुक्तिनाथ तिवारी, विक्रम सोनार, भीम अहीर, गदाधर नाथ पांडेय, गौरीशंकर राय, रामरेखा शर्मा।

पत्थरबाजी से किया गोलियों का सामना
सरकारी गजेटियर के मुताबिक 17 अगस्त को दोपहर होते-होते बैरिया में लगभग 25 हजार से अधिक लोग पहुंच चुके थे। कमांडर भूपनारायण सिंह भीड़ को सड़क पर रोककर थाने के गेट पर पहुंचे, लेकिन गेट बंद था। कुछ लोग थाने में बगल से घुस गए और थाने के अस्तबल ध्वस्त कर दिया। भीड़ थाने में घुस गई। पुलिस ने गोलियां चलाई तो क्रांतिकारियों ने पथराव शुरू कर दिया। गोलियों की तड़तड़ाहट के बीच कौशल कुमार ने छलांग लगाकर थाने की छत पर पहुंच गए और तिरंगा फहरा दिया, पुलिस की गोली से वह बलिदान हो गए। शाम तक चले इस संघर्ष में कुल 20 लोग बलिदान हुए। इस स्थान पर 18 अगस्त 1952 को बलिदानियों की स्मृति में स्मारक बनाया गया। उनकी याद में हर साल 18 अगस्त को यहां बड़ा उत्सव मनाया जाता है।

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