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Ballia : विश्वेश का इंटीग्रेटेड पीएचडी में हुआ चयन

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आईआईटी जैम के माध्यम से आईसर तिरुवनंतपुरम में मिली सफलता से परिजनों में हर्ष का माहौल
बलिया।
शहर से सटे जीराबस्ती निवासी बंकेश तिवारी के पुत्र विश्वेश तिवारी का तिरुवनंतपुरम स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च में इंट्रीग्रेटेड पीएचडी कोर्स के लिए् दाखिला मिलने पर परिजनों में हर्ष का माहौल है। विश्वेश यहां गणित विषय में एमएससी करने के साथ ही पीएचडी भी करेंगे। इसके लिए सरकार से पीएचडी से पूर्व तीन साल तक उनको प्रति माह 12500 रुपए फेलोशिप के तौर पर मिलेंगे। तीन वर्ष के बाद पीएचडी शुरू होने पर नेट जेआरएफ का फेलोशिप मिलना शुरू हो जाएगा।


बता दें कि भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान, तिरुवनंतपुरम देश के 5 आईआईएसईआर में से एक है। यह संस्थान भारत सरकार के मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा प्रायोजित है। यहां स्नातक या परास्नातक कोर्सेस में प्रवेश के लिए आईआईटी संयुक्त प्रवेश परीक्षा या किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना पास करना जरूरी है। ऐसे में विश्वेश की इस उपलब्धि से परिवार के सदस्य दादा-दादी व मां रीता तिवारी, बहन स्वधा सहित आसपास के लोगों में भी खुशी का माहौल है।

यहां से हुई विश्वेश की प्रारंभिक शिक्षा
विश्वेश की प्रारंभिक शिक्षा बलिया से हुई और वह नागाजी स्कूल माल्देपुर से हाईस्कूल व इंटर की परीक्षा अच्छे नंबरों से पास करने के बाद बीएससी की पढ़ाई दिल्ली विश्वविद्यालय के शिवाजी कालेज से किए। अभी फिलहाल वह हैदराबाद विश्वविद्यालय से मैथ से एमएससी कर रहे थे लेकिन इस बीच उनका चयन आईसर तिरुवनंतपुरम में हो गया। अभी उनका चयन एमएससी के लिए इंदौर आईआईटी व आईसर भोपाल में भी हुआ था लेकिन अब वह इंट्रीग्रेटेड पीएचडी करेंगे।

देश भर से कुल दस छात्रों का ही हुआ चयन
संस्थान में इस कोर्स के लिए देश भर से कुल दस छात्रों का ही चयन हुआ है। बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि के विश्वेश ने अपनी सफलता का श्रेय कठिन परिश्रम व सतत पढ़ाई को दिया है। उन्होंने कहा कि मेरे मामा-मामी जो अभी आईआईआईटी दिल्ली में प्रोफेसर व एक मामा जो डीआरडीओ दिल्ली में वरिष्ठ वैज्ञानिक हैं उनके मार्गदर्शन से ही यह मुकाम हासिल करना संभव हो सका है।

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