Ballia : छात्रवृत्ति योजनाओं की प्रगति पर सीडीओ ने की सख्त समीक्षा, लापरवाही पर होगी कार्रवाई

बलिया। जनपद में संचालित छात्रवृत्ति योजनाओं की प्रगति को लेकर मुख्य विकास अधिकारी ओजस्वी राज की अध्यक्षता में वृहद समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में समाज कल्याण अधिकारी, पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी, अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी सहित जनपद के सभी शैक्षणिक संस्थानों के नोडल अधिकारी एवं प्राचार्य उपस्थित रहे।
बैठक के दौरान सीडीओ ने स्पष्ट निर्देश दिए कि जिन शैक्षणिक संस्थानों में छात्रवृत्ति प्रकरणों की अधिकतम पेंडेंसी पाई गई है, उनके विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की संस्तुति प्रेषित की जाएगी। विशेष रूप से निजी आईटीआई संस्थानों में अत्यधिक पेंडेंसी पाए जाने पर उनकी एफिलिएशन निरस्त कराने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा।
समीक्षा में जिन शैक्षणिक संस्थानों में सर्वाधिक पेंडेंसी पाई गई, उनमें सतीश चंद्र कॉलेज, टाउन डिग्री कॉलेज, जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय, सुदृष्ट बाबा महाविद्यालय तथा कुंवर सिंह कॉलेज शामिल हैं।

सीडीओ ने सभी संस्थानों को दिये यह निर्देश
सीडीओ ने सभी संस्थानों को निर्देशित किया कि वे संबंधित छात्रों से तत्काल संपर्क स्थापित कर उनके अभिलेखों का सत्यापन कराएं तथा बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन अनिवार्य रूप से पूर्ण कराएं। उन्होंने कहा कि किसी भी छात्र के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं होना चाहिए। यदि किसी छात्र को छात्रवृत्ति से संबंधित किसी भी प्रकार की समस्या आती है तो वह विकास भवन, बलिया में मुख्य विकास अधिकारी से सीधे संपर्क कर सकता है। शिकायत की जांच के बाद दोषी संस्थान के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
जनपद में 10 प्रकार की छात्रवृतियां हो रही संचालित
बताया गया कि जनपद में कुल 10 प्रकार की छात्रवृत्तियाँ संचालित की जा रही हैं। प्री-मैट्रिक स्तर पर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, सामान्य वर्ग, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक वर्ग के छात्रों को तथा पोस्ट-मैट्रिक स्तर पर भी इन्हीं वर्गों के पात्र छात्रों को छात्रवृत्ति का लाभ दिया जाता है।
छात्रवृति से वंचित न रहे पात्र लाभार्थी: सीडीओ
मुख्य विकास अधिकारी ने निर्देश दिया कि किसी भी श्रेणी का पात्र लाभार्थी किसी भी स्थिति में छात्रवृत्ति से वंचित न रहे। यदि आवेदन पत्र में कोई त्रुटि पाई जाती है तो उसे सीधे अस्वीकृत करने के बजाय पहले संबंधित छात्र से संपर्क कर त्रुटि का निराकरण कराया जाए।

