Ballia : कटान से बेघर हुए 150 पीड़ितों में रूबी ने बांटा कंबल

रोशन जायसवाल,
बलिया। बैरिया तहसील का चक्की नौरंगा गांव गंगा के कटान की भेंट चढ़ गया। विगत वर्ष आई कटान ने लगभग 150 घरो को अपने चपेट में ले लिया। जिसके कारण जमीन, घर सब गंगा में विलीन हो गया। बिहार के जवनियां व यूपी के चक्की नौरंगा दोनों सटा हुआ हैं। बाढ़ व कटान से बिहार के लोगों को जहां क्षति हुई है वहीं बलिया के चक्की नौरंगा गांव को कटान सेे क्षति हुई है। ऐसे में करीब 150 परिवार खुले आसमान के तले बांध पर बसा हुआ है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता सूर्यभान सिंह की पत्नी रूबी सिंह सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ चक्की नौरंगा गांव पहुंची और उन्होंने कटानपीड़ितो में कंबल वितरित किया। कटानपीड़ितों ने रूबी सिंह से कहा कि सरकार से पहल करें, ताकि उन्हें घर बनाने के लिये जमीन मिल जाएं। रूबी सिंह ने आश्वासन दिया कि वह इसको लेकर सीएम से मिलेगी और समस्याओं से अवगत कराएंगी। बतातें चलें कि कटान व बाढ़ के समय सूर्यभान सिंह ने इस गांव में लंगर चलाया था और साथ ही घरों में खाली सिलेंडरों में गैस भराने का भी काम किया था। लगभग एक लाख से ज्यादा रूपये गैस भराने में खर्च किया था। गांव की महिलाओं ने कहा कि सूर्यभान सिंह ने हमें भोजन, कंबल, मिठाई भी दी और साथ ही गैस में सिलेंडर भरवाने के लिये पैसे भी दिये।
ठोकर नहीं बना तो तबाही हो जाएगा चक्की नौरंगा गांव
आज भी गांव के लोग भयभीत है, उन्हें डर है अगले कटान व बाढ़ में चक्की नौरंगा में जो घर बचे है वो भी कटान की भेंट चढ़ जाएंगे। ऐसे में गांव पूरा तबाह हो जाएगा। ऐसे में सरकार को गंभीर होना पड़ेगा और ठोकर का निर्माण कराना पड़ेगा ताकि गंगा की धारा गांव की तरफ न होकर खेत की तरफ की जाएं। क्योंकि गंगा के निशाने पर चक्की नौरंगा गांव है। अभी तक तो राहत है लेकिन अगले मानसून में गंगा फिर तांडव करेगी और हमारा गांव व घर नहीं बचेगा।
गांव के लोग यूपी-बिहार के सीमा पर नहीं रहना चाहते है
गांव के लोगों की मानें तो उनका कहना है कि गंगा का रूख चक्की नौरंगा गांव की तरफ आ रहा है। अगर सरकार हमें आसपास जमीन भी देती है तो हम सुरक्षित नही रहेगे और अपनी मेहनत की कमाई से जो मकान बनवाएंगे वह सब बाढ़ व कटान की चपेट में चला जाएगा। ऐसे में सरकार हमें ऐसी जगह जमीन उपलब्ध कराएं जहां हमलोग लंबे समय तक रह सके। कटान पीड़ितों की मानें तो उन्हें अपने बच्चों के भविष्य की चिंता है। बच्चे बेघर हो गये है। घातक जानवरों के निशाने पर हम लोग है। जिससे हमें खतरा बना हुआ है, क्योंकि हम बांध पर बसे है।
करीब 60 किमी दूरी तय कर पहुंच रहे चक्की नौरंगा गांव
बैरिया विधानसभा वासी चक्की नौरंगा गांव पहुंचने के लिये उन्हें 60 किमी की दूरी तय करना पड़ रहा है। क्योंकि गंगा की धारा ने ऐसा नुकसान किया है कि न तो नाव चल पा रही है और न ही पीपा पुल बन पा रहा है। ऐसे में उन्हें बिहार का भोजपुर होकर नौरंगा गांव पहुंच रहे है। इसलिये गांव के लोग चाहते है कि उन्हें बैरिया व जयप्रकाश नगर की तरफ बसा दिया जाए। शादी विवाह के आयोजनों तक लोग नहीं पहुंच पा रहे है। भले ही चक्की नौरंगा गांव यूपी के बैरिया विधानसभा में लेकिन वहां बिहार सरकार की बिजली की सुविधाएं मिल रही है।

