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लखनऊ में बर्खास्त सिपाही के आलीशान बंगले पर छापा, लग्जरी सामानों ने खोली कफ सिरप तस्करी व मनी लॉन्ड्रिंग की परतें

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लखनऊ। राजधानी लखनऊ में बर्खास्त पुलिस कांस्टेबल आलोक प्रताप सिंह के आलीशान बंगले पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और यूपी पुलिस की विशेष कार्यबल (एसटीएफ) की संयुक्त छापेमारी के बाद चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। कार्रवाई के दौरान करोड़ों रुपये के लग्जरी सामान बरामद होने से कफ सिरप तस्करी और मनी लॉन्ड्रिंग रैकेट की गहराई सामने आ गई है।

छापेमारी में गुच्ची और प्राडा के महंगे हैंडबैग, राडो कंपनी की लाखों रुपये कीमत की घड़ियां, कीमती इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स और विदेशी ब्रांड का फर्नीचर व सजावटी सामान बरामद किया गया। जब्त वस्तुओं की कुल कीमत का आकलन जांच एजेंसियां कर रही हैं।

बाहर से ही सुर्खियों में था ‘महल’ जैसा बंगला
करीब 7,000 वर्ग फुट क्षेत्र में बना यह बंगला बाहर से ही लोगों के आकर्षण का केंद्र रहा है। छापेमारी के बाद सामने आई अंदरूनी तस्वीरों में यूरोपियन स्टाइल का इंटीरियर, स्पाइरल सीढ़ियां, विंटेज डिजाइन की महंगी लाइटें, आलीशान ड्राइंग रूम और बेडरूम दिखाई दिए, जो किसी बड़े उद्योगपति के घर जैसे नजर आते हैं। जांच से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार प्रारंभिक आकलन में सिर्फ इंटीरियर पर ही करीब 1.5 से 2 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है, जबकि बंगले के निर्माण पर लगभग 5 करोड़ रुपये खर्च किए जाने की बात सामने आई है। इसमें जमीन की कीमत शामिल नहीं है।

कमाई के स्रोत पर उठे सवाल
इतनी बड़ी संपत्ति और ऐशो-आराम को लेकर अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि एक बर्खास्त सिपाही के पास इतनी भारी-भरकम रकम कहां से आई। जांच एजेंसियों का मानना है कि कफ सिरप तस्करी और उससे जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क के जरिए अवैध रूप से अर्जित धन को इस बंगले और लग्जरी सामानों में खपाया गया है। ईडी और एसटीएफ की जांच जारी है और आने वाले दिनों में इस मामले में और बड़े खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है।

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