Ballia : पावर मिलने के बाद चेयरमैन उत्साहित, क्या चेयरमैन के हाथ में होगी मेले की कमान

रोशन जायसवाल,
बलिया। ददरी मेला के समापन में मात्र आठ दिन बचे है, लेकिन जिला प्रशासन और चेयरमैन के विवाद में इस बार का ददरी मेला फीका ही रहा। जबकि दुकानदारों में जो उत्साह मेला लगने से पहले देखा गया वो उत्साह मेला शुरू होने के बाद नहीं दिखा। मेले को कई रविवार आया लेकिन उसके बावजूद भी दुकानदारों में अभी भी उत्साह नहीं दिख रहा है। चाहें इसे लगन मान लिया जाए या फिर नगरपालिका परिषद के अध्यक्ष, सभासद व कर्मचारियों की दूरी मान ली जाए।
ऐसे में भी चर्चा यह हो रही है कि जिला प्रशासन व नगरपालिका अध्यक्ष के हस्ताक्षर को लेकर ददरी मेला फीका रहा। जबकि प्रशासन का दावा रहा कि इस बार का मेला हर वर्ष की अपेक्षा अच्छा रहेगा। हालांकि मेले का स्वरूप बेहतर बनाया गया है लेकिन भारतेंदु मंच पर आयोजित कार्यक्रमों को सफल नहीं बनाया जा सका। ऐसा पहली बार देखने को मिला कि कवि सम्मेलन में श्रोताओं की कमी रही। वहीं शिल्पी राज जैसे कलाकार भी भीड़ नहीं जुटा पाई। निरहुआ और आम्रपाली भी भारतेंदु मंच पर 16 नवंबर को आए तो जरूर लेकिन उनके कार्यक्रम में वो भीड़ नहीं दिखी जो होनी चाहिए।
नहीं पहुंचा कोई निमंत्रण
बलिया। ददरी मेला में आयोजित कार्यक्रमों का निमंत्रण लोगों तक नहीं पहुंच सका और ना ही किसी कार्यक्रम का कोई बड़ा नेता उद्घाटन कर सका। चर्चा यह होती रही कि भले ही बैनर पर संयुक्त आयोजनकर्ताओं में जिला प्रशासन और नगरपालिका परिषद लिखा है लेकिन ईओ सुभाष कुमार को छोड़कर ना तो चेयरमैन दिखें और नही कर्मचारी दिखे। कुछ सभासदों को छोड़ दिया जाए तो अधिकतर सभासदों ने मेले से दूरी बना ली।
आठ दिन बचे है लेकिन सीडीओ का फरमान हवा में तैर रहा
बलिया। ददरी मेले के भारतेंदु मंच पर मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह के आयोजन को लेकर मुख्य विकास अधिकारी ओजस्वी राज ने गंगा बहुउद्देशीय सभागार में झूला पार्किंग व प्रदर्शनी टेंडर प्रक्रिया के दौरान ये कहा था कि इस बार भारतेंदु मंच पर मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह का आयोजन किया जाएगा। एक दिन शादियां ही शादियां होगी। लेकिन न तो शहनाई बची और न ही बरात निकली। सिर्फ बातों तक सीमित रह गया मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह का आयोजन।

