Ballia : पुरानी यादों को ताजा कर गए इलाहाबाद विवि के पुरातन छात्र

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व एवं वर्तमान छात्रों का स्नेह मिलन समारोह, 200 पूर्व छात्रों को किया गया सम्मानित, रंगारंग कार्यक्रमों की हुई प्रस्तुति
रोशन जायसवाल,
बलिया। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रों द्वारा स्नेह मिलन समारोह का आयोजन टाउन डिग्री कालेज के मैदान में किया गया। शुभारंभ इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व अध्यक्ष रामधनी सिंह ने किया। इस दौरान रामधनी सिंह ने कहा कि इसकी शुरूआत बहुत पहले हो जानी चाहिए, लेकिन देर से ही सही शुरूआत तो हुई, ऐसे तमाम लोग मिले जो 15-20 सालों से उनसे मुलाकात नहीं हो पा रही थी। लेकिन इस कार्यक्रम के माध्यम से पुरानी यादें ताजा हो गई।

बागियों की धरती से इसकी शुरूआत हुई, वो उस जगह से जिस कालेज से सफल छात्र आज पूरे देश में आईएएस, पीसीएस, डाक्टर, इंजीनियर के पदों पर सुशोभित है। उन्होंने कहा कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और बलिया के कई बार सांसद रहे युवा तुर्क चंद्रशेखर भी इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पढ़े है और भारत के प्रधानमंत्री बने। इसके बाद रामधनी सिंह व संजय सिंह ने पूर्व छात्रो को सम्मानित भी किया। पूर्व मंत्री उपेंद्र तिवारी भी कार्यक्रम में शामिल हुए और कार्यक्रम को संबोधित किया।

कई अधिकारी हुए शामिल
स्नेह मिलन समारोह में बलिया जिला समेत दूर दराज से आए अधिकारी भी कार्यक्रम में शामिल होकर और यादगार बना दिया। बलिया जिले के रहने वाले शंकर जी सिंह जो सहारनपुर के आरटीओ है, वो भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए। इसके अलावा उत्तर रेलवे के मुख्य रेल परिवहन प्रबंधक व मुरादाबाद के पूर्व एडीआरएम निर्भय नारायण सिंह, बैंक मैनेजर समेत कई अधिकारियों ने पुरानी यादों को ताजा किया।

रंगारंग कार्यक्रम ने बांधी शमा
कलाकारों और रंगकर्मियों ने स्नेह मिलन समारोह में सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर शमां बांध दी। जहां रंगकर्मियों ने बलिया के इतिहास से जुड़े नाटक की प्रस्तुति की वहीं बलिया समेत देश प्रदेश के कई कलाकारों ने एक से बढ़कर कलाकारों की प्रस्तुति की।
200 से अधिक पूर्व छात्रों को किया गया सम्मानित
कार्यक्रम के दौरान 200 से अधिक पूर्व छात्रों को उनके उत्कृष्ट योगदान, सामाजिक कार्यों और शिक्षण क्षेत्र में उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया गया। सम्मान समारोह के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला ने पूरे माहौल को जीवंत बना दिया। गीत, कविताएँ और विश्वविद्यालय जीवन से जुड़ी स्मृतियों को साझा करते हुए मंच पर कई पूर्व छात्रों ने भावनात्मक क्षण प्रस्तुत किए। आयोजनकर्ताओं में पी.डी. सिंह, विपिनकांत सिंह, अनुज राय, अंकित सिंह परमार और सविंदर सिंह की प्रमुख भूमिका रही।

