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Ballia : विकास के लिये तरस रहा तीन आईएएस व कई विद्वान देने वाला कालेज

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रोशन जायसवाल,
बलिया।
वैसे तो जिले में बहुत से ऐसे विद्यालय है जिससे निकले कई छात्र बड़े पद पर है। कोई आईएएस तो कोई पीसीएस तो कोई आईपीएस है वहीं कोई विश्वविख्यात गणितज्ञ, कोई ब्रिगेडियर तो कोई राजदूत है। शहर का राजकीय इंटर कालेज कुछ अलग है। क्योंकि यहां से निकले ऐसे छात्र जिन्होंने इस कालेज का नाम रोशन तो किया ही साथ ही देश का मान भी बढ़ाया। 1909 में बना यह विद्यालय विकास का बाट जोह रहा है।

हालांकि प्रशासन की तरफ से इस विद्यालय के मरम्मत के लिये कुछ धन स्वीकृत किये गये। ग्रामीण अभियंत्रण विभाग व पीडब्ल्यूडी को धन भी उपलब्ध कराई गई थी। लेकिन बीच में चर्चा यह होने लगी कि इस विद्यालय को तोड़कर मेडिकल कालेज बनाया जाएगा। जिससे वह पैसा चला गया जिसके चलते विद्यालय का मरम्मत नहीं हो सका।

ऐसे में सवाल यह उठने लगा है कि न तो विद्यालय की मरम्मत हो पाई और नही मेडिकल कालेज ही बन पाया। आज भी कुछ ऐसे कमरे है जिसमें बैठने से छात्रों को खतरा है। जर्जर भवन विद्यालय के भविष्य पर खतरा बना हुआ है। वैसे इस विद्यालय में कमरे तो बहुत है लेकिन 16 कमरे यूज में है बाकी सब जर्जर है।

इस विद्यालय ये बने आईएएस
राजकीय इंटर कालेज से अवकाश प्राप्त अध्यापकों की मानें तो उनका यह कहना है कि आईएएस सच्चिदानंद पांडेय जो उत्तर प्रदेश परिवहन आयुक्त रह चुके है। आईएएस कुलदीप नारायण सिंह, आईएसए नगीना सिंह जो सचिव भी रह चुके है। इसके अलावा राजदूत रहे पारसनाथ ओझा इसी विद्यालय के छात्र रहे है। साहित्य के माने जाने विद्वान आचार्य परशुराम चतुर्वेदी, बलिया के सांसद रहे मुरली मनोहर, विश्वविख्यात गणितज्ञ डा.हरिमोहन श्रीवास्तव, डा.गणेशी प्रसाद व भारतीय सेना में ब्रिगेडियर के पद पर रहे बीपी सिंह भी इसी कालेज के छात्र रहे है।

अगर मेडिकल कालेज की चर्चा न होती तो चमक जाता विद्यालय
बलिया। प्रशासन की तरफ से इस विद्यालय के सुंदरीकरण के लिये एक करोड़ से ज्यादा धनराशि प्रस्तावित हुई थी और पीडब्ल्यूडी व ग्रामीण अभियंत्रण विभाग को जारी कर दी गई थी लेकिन इस विद्यालय को तोड़कर मेडिकल कालेज बनाने की चर्चा चलने लगी। जिसके कारण उक्त धनराशि वापस चली गई और विद्यालय अपने हाल में आंसू बहाने लगा।

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