Ballia : गंगा का कहर : बलिया शहर से लेकर टोंस नदी तक जलप्रलय जैसी स्थिति, हजारों लोग प्रभावित

बलिया। गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। शहर से गंगा तट तक जाने वाला महावीरघाट मार्ग अब पूरी तरह बाढ़ के पानी में डूब चुका है। सड़क पर करीब एक फीट तक पानी चढ़ जाने से इस मार्ग से गुजरने वाले लोगों की आवाजाही बाधित हो गई है। इस मार्ग के जरिए गंगा तटवर्ती इलाकों में रहने वाले करीब 6000 लोगों का संपर्क शहर से टूटने की कगार पर है।

निहोरा नगर में नाव बना सहारा
निहोरा नगर की गलियों में जलभराव इतना अधिक हो गया है कि अब लोग आवागमन के लिए नाव का सहारा लेने को मजबूर हैं। घरों में पानी घुसने के कारण लोग अपने जरूरी सामानों को लेकर सुरक्षित स्थानों की तलाश में हैं।

गायत्री मंदिर मार्ग और कॉलोनी में भी पानी
गायत्री मंदिर मार्ग व गायत्री कॉलोनी के लगभग 25 मकानों के निचले हिस्से में गंगा का पानी घुस चुका है। इससे घरों के आंगन, कमरे और रसोई तक जलमग्न हो गए हैं। लोग ऊपरी मंजिलों पर शरण ले रहे हैं और बिजली की आपूर्ति भी बाधित हो गई है।
दीयरा क्षेत्र में बढ़ती बाढ़, लोग ग्रीनफील्ड पर शरण लिए
कंसपुर दीयरा में गंगा का पानी अब घरों और बस्तियों के भीतर तक पहुंच चुका है। कई लोग बाढ़ से बचने के लिए ग्रीनफील्ड मैदान में शरण ले चुके हैं। यहां टेंट और अस्थायी टीन शेड डालकर लोग रह रहे हैं।

एनएच-31 की ओर बढ़ रही धारा
माल्देपुर गांव के सामने गंगा की तेज धारा अब ग्रीनफील्ड अंडरपास होते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग-31 की ओर बढ़ रही है। अगर यही स्थिति रही तो आने वाले दिनों में इस मार्ग पर भी आवागमन ठप हो सकता है।
ददरी मेला क्षेत्र भी गंगा की चपेट में
बलिया का प्रसिद्ध ददरी मेला क्षेत्र भी अब बाढ़ के पानी की चपेट में आने लगा है। इस इलाके के करीब 20 मकान पानी से घिर चुके हैं। क्षेत्र के लोग डरे हुए हैं और घरों से बाहर निकलने से कतरा रहे हैं।
नरहीं: टोंस और मगई भी उफान पर
गंगा के बढ़ते जलस्तर का असर अन्य सहायक नदियों पर भी दिख रहा है। नरहीं क्षेत्र में टोंस और मगई नदियों का जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा है। टोंस नदी का पानी अब चांदनाला को पार कर गया है, जिससे आसपास के खेत और निचले इलाके डूबने लगे हैं।
प्रशासन अलर्ट मोड पर
हालात को देखते हुए प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में निगरानी बढ़ा दी है। जल पुलिस और राजस्व टीमों को संवेदनशील इलाकों में भेजा गया है। अधिकारियों का कहना है कि बाढ़ की स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है और राहत शिविरों की संख्या बढ़ाई जाएगी।

