Ballia : 43 करोड़ खर्च, फिर भी बलिया स्टेशन पर यात्रियों को नहीं मिल रही बुनियादी सुविधाएं

सात साल से यात्री सुविधा विस्तार का काम अधूरा, लिफ्ट व एस्केलेटर बंद
बलिया। रेलवे स्टेशन परिसर में महानगरों की तर्ज पर पिछले सात वर्षों से 43 करोड़ रुपया की लागत में यात्री सुविधा का विस्तार चल रहा है। स्टेशन पर एस्केलेटर व लिफ्ट बन कर तैयार है। पिछले तीन वर्षों से एस्केलेटर शुरू हुआ है, कर्मचारी के अभाव में सिर्फ सुबह व शाम के समय संचालन 10 मिनट के लिए होता है। उसके बाद बंद रहता है। इस समय चार दिन से एस्केलेटर भी खराब है। रेलवे स्टेशन से प्रति दिन 34 जोड़ी पैसेंजर व एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन होता है। 10 हजार से अधिक यात्री आवागमन करते हैं। स्टेशन को एनएसजी-3 के श्रेणी में रखा गया।

इस श्रेणी में उसी स्टेशन का रखा जाता है, जिसकी आय 20-100 करोड़ रुपये तक होती है। लगभग 50 लाख से 1 करोड़ यात्री विभिन्न ट्रेनों से गुजरते हैं। इसके बाद भी स्टेशन पर यात्रियों को मूलभूत सुविधाएं तक नहीं मिल पा रही हैं। दोपहर में आने जाने वाली ट्रेनों के यात्रियों को सीढ़ी चढ़कर आना जाना पड़ता है। उन्हें महानगरों जैसी सुविधा का लाभ नहीं मिलता है।
सबसे ज्यादा परेशानी दिव्यांग व बीमार लोगों को उठानी पड़ी। स्टेशन अधीक्षक सुनील सिंह ने कहा कि स्टेशन पर लगी लिफ्ट की सुरक्षा जांच के बाद यात्रियों के लिए खोला जाएगा। एक्सीलेटर में तकनीकी खराबी के कारण मरम्मत कार्य किया जा रहा है। तीन साल पहले एक्सीलेटर शुरू हुआ था। वहीं, रेलवे अधिकारियों की लापरवाही से लिफ्ट पिछले माह बन कर तैयार हुई है।

