Ballia : पिता ने बलिया से बंगाल में बनाई पहचान, तो बेटों ने बंगलौर में खड़ी कर दी इमारतें

रोशन जायसवाल,
बलिया। सिकंदरपुर तहसील अंतर्गत संदवापुर गांव उस समय चर्चा में आया जब इस गांव से निकले बाबू राजू राम बंगाल के लिये निकल पड़े। गांव छोड़ने के पीछे लोगों ने आर्थिक तंगी बतायी। बंगाल में मेहनत मजदूरी करके बाबू राजू राम ने अपने बच्चों को शिक्षित किया, जब बच्चे बड़े हुए तो वे बंगाल छोड़ बंगलौर के लिये प्रस्थान कर गये और बंगलौर में बच्चों ने अपनी मेहनत सेे कई इमारतें खड़ी कर दी।
पैरामेडिकल कालेज, मेडिकल कालेज, होटल, पेट्रोल पंप आदि का निर्माण करवाया। पिता के निधन के बाद बच्चे बंगलौर से अपने गांव संदवापुर पहुंचे। 31 जुलाई को बाबू राजू राम का निधन हो गया। 10 अगस्त को बाबू राजू राम के याद में शांति पाठ व श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया था। जिसमें विभिन्न राजनीतिक दलों केे नेता भी शामिल हुए। भाजपा, बसपा, सपा आदि राजनीतिक दलों के नेताओं ने यह चर्चा करना शुरू कर दिया कि बाबू राजू राम ने गरीबी देखा लेकिन उस गरीबी से अपने बच्चों को दूर रखा और हमेशा अपने बच्चों से कहते थे कि पढ़ो लिखो और आगे बढ़ों लेकिन सरकारी नौकरी मत करना।
अधिकारी बनना नहीं बल्कि अधिकारी बनाने का प्रयास करना। इसी सोच ने परिवार के डा.जयप्रकाश, इंजीनियर चंद्रशेखर, चंद्रभान, सूर्यभान ने सरकारी नौकरी को महत्व नहीं दी बल्कि व्यापार जगत को आगे बढ़ाया। यही नहीं डा. जयप्रकाश ने सरकारी नौकरी तक छोड़ दी। इसके बाद आईआईबीएस ग्रुप आफ मैनेजमेंट कालेज बंगलौर, कनेडिया इंटरनेशनल होटल्स एंड स्वीट्स एंड होटल बंगलौर, श्री बाबू राजू राम फ्यूल स्टेशन, चिकबालापुर, कनेडिया ब्लू कैफे चीन आफ कैक्टेरिया, क्यूएसआर बंगलौर, कनेडिया इंटरनेशनल होटल एंड स्वीट्स वाराणसी, वन नाइट, कनेडिया ब्लू गाजियाबाद नोएडा, आरआर एग्जिम, नोएडा, आरआर फिल्म्स नोएडरा, आरआर फ्यूल स्टेशन बंगलौर, कर्नाटक, एएलजीओएन सर्च कन्सल्टिंग नोएडा, कनेडिया फ्यूल स्टेशन गाजीपुर में स्थापित किया। बलिया का संदवापुर बंगाल, बंगलौर, नोएडा, गाजियाबाद, बनारस, गाजीपुर जगहों पर चर्चाओं में रहता है।

