Ballia : गुलाम भारत में 14 दिनों तक आजाद रहा बलिया

रोशन जायसवाल,
बलिया। गुलाम भारत में बलिया 14 दिनों तक आजाद रहा। 1942 में देश गुलाम था। लेकिन बलिया 14 दिनों तक आजाद रहा। क्योंकि बलिया हमेशा अपने बागी तेवर में दिखा। कारण यही रहा कि ब्रिटिश हुकूमत बलिया की क्रांतिकारियों से लोहा नहीं ले पाया और वहीं बलिया के क्रांतिकारी ब्रिटिश हुकूमत को खदेड़ते हुए बलिया को 14 दिनों तक आजाद करवा दिया। इसी याद में हर साल 19 अगस्त को बलिया बलिदान दिवस मनाया जाता है क्योंकि 19 अगस्त 1942 को बलिया आजाद हुआ था।

तो कैदियों के बिना सूना रहेगा बलिया बलिदान दिवस
बलिया। आजादी के बाद ऐसा पहली बार होगा जब बलिया बलिदान दिवस बिना कैदियों के मनाया जाएगा। एक पुरानी परंपरा के तहत हर वर्ष 19 अगस्त को क्रांतिकारियों की याद में जेल का फाटक खोला जाता है। जब जेल का फाटक खुलता है तो क्रांतिकारियों के परिजन जेल के अंदर से होकर बाहर निकलते है। इस बीच जेल के अंदर से भी कैदियों की बुलंद आवाज भारत माता की जय, वंदे मातरम और चित्तू पांडेय अमर रहे के नारे लगते रहे। लेकिन इस वर्ष बिना कैदियों के बलिया बलिदान दिवस पर जेल का फाटक खुलेगा और क्रांतिकारी अंदर जाएंग और अंदर से बाहर निकलेंगे।
जिला कारागार इन दिनों सूना पड़ा हुआ है क्योंकि यहां कैदी पिछले साल यहां से मऊ जेल शिफ्ट कर दिया गया। लेकिन सवाल यह उठने लगा कि जेल के जमीन आवंटित नहीं की गयी और न ही नये जेल का भूमि पूजन हुआ और जेल को खाली कर दिया गया। ऐसे में जनपदवासियोें में आक्रोश व्याप्त है। ऐसे मे खाली जमीन को ध्वस्त करके जेल बनाया जाएगा। यह कब होगा वक्त की बात होगी लेकिन कैदियों के बिना जिला कारागार सूना हो गया।

