Ballia : हर घर जल योजना में लापरवाही से गई एक मजदूर की जान, मिट्टी में दबकर हुई दर्दनाक मौत

सिकंदरपुर (बलिया)। हर घर जल नल योजना जैसे महत्वाकांक्षी सरकारी कार्य में लापरवाही और ठेकेदार की मनमानी एक परिवार के लिए जीवन भर का दुख छोड़ गई। सिकंदरपुर थाना क्षेत्र के जमालपुर हुसैनपुर गांव में मंगलवार की सुबह पाइपलाइन बिछाने के दौरान मिट्टी में दबकर एक मजदूर की दर्दनाक मौत हो गई। मृतक की पहचान पकड़ी थाना क्षेत्र के बड़सरा सलेमपुर गांव निवासी लालजी राम (28 वर्ष) पुत्र स्वर्गीय झींगुर राम के रूप में हुई है।
मृतक अपने गांव के ही साथियों हृदयानंद और मनोज राम के साथ सिकंदरपुर के जमालपुर हुसैनपुर ग्राम सभा में हर घर जल योजना के तहत हो रहे पाइप बिछाने के काम में मजदूरी कर रहा था। मंगलवार की सुबह करीब 10 बजे वे सड़क के बीचो-बीच जेसीबी से खोदे गए गड्ढे को बराबर कर रहे थे, तभी अचानक भारी मात्रा में मिट्टी भरभराकर लालजी राम पर गिर गई। वह पूरी तरह से मिट्टी में दब गया।

घटना के समय मौजूद अन्य मजदूरों और स्थानीय लोगों ने आनन-फानन में मिट्टी हटाकर लालजी को बाहर निकाला। मौके पर मौजूद विभागीय अधिकारी और ठेकेदार घटना के तुरंत बाद भाग खड़े हुए, जिससे आक्रोश और भय का माहौल बन गया। लोगों ने तत्काल एम्बुलेंस और पुलिस को सूचना दी, लेकिन हालात यह थे कि घायल मजदूर को लगभग एक घंटे तक घटनास्थल पर ही रखना पड़ा क्योंकि ग्रामीण मौके पर विभागीय अधिकारियों को बुलाने की मांग पर अड़े रहे। आखिरकार मौके पर पहुंचे तहसीलदार प्रवीण सिंह, नायब तहसीलदार सीपी यादव और प्रभारी निरीक्षक प्रवीण कुमार सिंह के समझाने- बुझाने के बाद घायल को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिकंदरपुर लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल
मृतक के घरवालों को जैसे ही घटना की जानकारी मिली, परिवार समेत सैकड़ों की संख्या में लोग अस्पताल पहुंच गए। पत्नी पिंकी देवी, 8 वर्षीय बेटा प्रिंस, 5 वर्षीय बेटी श्रेया, 3 वर्षीय बेटी सृष्टि, और मां अंतवरिया देवी का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। छोटे-छोटे बच्चों को बिलखता देख अस्पताल में मौजूद लोगों की आंखें भी नम हो गईं। लालजी राम अपने परिवार का एकमात्र कमाऊ सदस्य था और गरीबी में मजदूरी कर अपने बच्चों का पालन-पोषण करता था। उसकी असामयिक मौत से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।
गांव में हंगामा, कार्रवाई की मांग
घटना के बाद गांव में आक्रोशित ग्रामीणों और मृतक के परिजनों ने ठेकेदार और जल निगम के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए जमकर नारेबाजी की और हंगामा किया। ग्रामीणों का आरोप था कि मजदूरों की सुरक्षा को लेकर कोई इंतजाम नहीं किया गया था और पूरी कार्यप्रणाली बेहद लापरवाहीपूर्ण थी। अधिकारियों ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया, तब जाकर ग्रामीण शांत हुए।

