Ballia : मऊ जेल में बंद बलिया के 10 कैदी एचआईवी पाजीटिव, मेले में टैटू बनवाने व नशे का इंजेक्शन लेने से संक्रमण की आशंका

बलिया। मऊ जिला कारागार में बलिया के बंद 10 कैदी एचआईवी पॉजिटिव पाए गए हैं। इसकी जानकारी होते ही जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया। बता दें कि वर्तमान समय में बलिया की जेल निर्माणाधीन है, इसलिए वहां के कैदी इस समय मऊ जिला के जेल में बंद हैं।
इस मामले में जेल अधीक्षक ने कहा कि इन सभी एचआईवी पॉजिटिव बंदियों का जिला कारागार में डॉक्टरों की देखरेख में इलाज चल रहा है। बताया कि मऊ की जेल में बंद हर महिला-पुरुष बंदियों का रुटीन चेकअप कराया जाता है। संदिग्ध पाए जाने वाले बंदियों को जिला अस्पताल में स्थित एआरटी सेंटर से जांच कराकर कंफर्म किया जाता है और उसके बाद उन्हें इलाज की सुविधा दी जाती है।
जेल अधीक्षक आनंद शुक्ला ने बताया कि जेल में बंद इन एचआईवी पॉजिटिव बंदियों में से कुछ ने बलिया के ददरी के मेले में टैटू गुदवाया था, जबकि कुछ कैदी नशे के आदी होने के कारण इंजेक्शन से ड्रग लेते थे। इसके कारण भी उनके एचआईवी पॉजिटिव होने की संभावना है।
आनंद शुक्ला ने बताया कि हमारे यहां उत्तर प्रदेश राज्य एड्स सोसाइटी का पत्र है और यह पत्र समय-समय पर हमारे पास आता रहता है। इसके अंतर्गत कारागार मुख्यालय के निर्देशानुसार हम कारागार में आने वाले हर महिला-पुरुष बंदियों का रुटीन चेकअप कराते रहते हैं और उसमें जो भी सस्पेक्टेड बंदी पाए जाते हैं उनको जिला अस्पताल स्थित एआरटी सेंटर से कंफर्मेशन कराते हैं. यहां से कंफर्म होने के बाद उनकी एआरटी सेंटर से एचआईवी इंफेक्शन की दवा उपलब्ध हो जाती है। उनका एक कार्ड भी बन जाता है, उसके अनुसार जेल के अंदर नियमित दवा देते रहते हैं।
यह सारा कार्य हमारे कारागार अधिकारियों और कारागर के डॉक्टर के देखरेख में होता है. वह सभी बंदी सामान्य बैरकों में रहते हैं ताकि वह समाज की किसी भी प्रकार के दुर्भावना का शिकार न होने पाएं।
जेल अधीक्षक का जानें बयान
जेल अधीक्षक ने बताया कि इस समय मऊ जेल में कुल 13 बंदी एचआईवी पॉजिटिव हैं। इनमें से 10 बलिया जनपद के हैं जबकि तीन मऊ जनपद के हैं। वर्तमान समय में बलिया जेल क्रियाशील नहीं है इसलिए वहां के बंदी मऊ जेल में ही रखे जाते हैं। कैदियों से पूछताछ और जानकारी करने पर यह पता लगा है कि कुछ बंदियों ने बलिया के ददरी के मेले में टैटू गुदवाया था, जिसके कारण यह संभावना है कि टैटू गुदवाने की वजह से उनके अंदर इंफेक्शन हुआ होगा। कुछ ऐसे भी कैदी हैं जिनका ड्रग के आदी होने का इतिहास रहा है। वह जब आपस में बैठकर इंजेक्शन के माध्यम से ड्रग को इंजेक्ट करके ड्रग लेते हैं तब उससे भी एचआईवी इंफेक्शन की प्रबल संभावना रहती है।

