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Ballia : गोभी का दाम कम हो जाने से मुरझाए किसानों के चेहरे

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बैरिया (बलिया)
। गोभी का नाम सुनते ही मुंह मे पानी आ जाता है। गोभी के स्वाद से लोगों के चेहरे खिल जाते है, परंतु इस बार गोभी उगाने वाले किसानों के चेहरे मुरझा गए है। उन्हें इसका जरा सा भी अंदेशा नही था कि गोभी का दाम इतना गिर जाएगा और लागत भी नही निकलेगा। किसी भी दर पर गोभी का खरीददार नहीं मिलने के कारण पैदा करने वाले किसान संकट में हैं। विगत 20 दिनों से गोभी बाजारों में चार से पांच रुपए प्रति किलो बिक रही है। बीबी टोला, सोनबरसा, रामनगर, बैरिया, तालिबपुर, करमानपुर, सिताबदियार के इलाके में बड़े पैमाने पर किसानों ने फूल गोभी की खेती की थी। पहले ये गोभी पिकअप से बेतिया, चम्पारण के मंडियों में पहुँचता था वहीं ट्रेनों में लादकर व्यवसाई से इसे धनबाद बोकारों और कोलकाता ले जाते थे तब यह गोभी आराम से 40-50 रुपये प्रति किलो बिक जाते थे। किंतु इन दिनों गोभी की मांग बाहर की मंडियों में नहीं है। महानगरों में ले जाने की साधन नहीं है और स्थानीय स्तर पर गोभी की खपत नहीं है। फलस्वरूप गोभी का भाव धड़ाम हो गया है। बीबी टोला के किसान रामप्रवेश वर्मा, टोला सेवक राय का किसान विजयपाल सिंह, इब्राहिमाबाद के किसान धनन्जय सिंह का कहना है कि एक किलो गोभी उत्पादन में 20 से 25 रुपये की लागत आती है। अगर उससे अधिक रेट पर गोभी बिके तो किसानों को फायदा होगा। वहीं रामनगर के किसान जगप्रवेश, श्रीपतिपुर के किसान बद्री प्रसाद का कहना है कि अगर क्षेत्र में सरकार गोभी का भंडारण करने की व्यवस्था करती तो किसानों का इतना नुकसान नहीं होता। कुल मिलाकर किसान औने-पौने मूल्य पर गोभी बेच रहे है अथवा मवेशियों को खिला रहे है, जिससे इनकी परेशानी बढ़ गई हैं।

शिवदयाल पाण्डेय

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