Ballia : आखिर सही कौन बोल रहा है, प्रशासन या चेयरमैन

रोशन जायसवाल,
बलिया। विगत चार दिनों से बलिया शहर की सफाई व्यवस्था फेल चल रही है। इसके पीछे कारण यह है कि अक्टूबर माह का वेतन सफाई कर्मचारियों के खाते में नहीं जा सका। इसके चलते सफाई कर्मी नगरपालिका कार्यालय में तालाबंदी कर धरना पर बैठे हुए है। बिल भुगतान पर हस्ताक्षर कराने के लिये रविवार को सिटी मजिस्ट्रेट आशाराम वर्मा के साथ अधिशासी अधिकारी सुभाष कुमार चंद्रशेखर नगर स्थित चेयरमैन संत कुमार मिठाईलाल के घर पहुचे लेकिन चेयरमैन नहीं मिले। जिसके कारण बिल भुगतान के कागज पर चेयरमैन का हस्ताक्षर नहीं हो पाया। इसके कारण अधिकारियो को वापस लौटना पड़ा।

सुरक्षा में शहर कोतवाल भी पहुंचे हुए थे और अधिकारियों के साथ कुछ सभासद भी थे। जब सभासद अमित दुबे ने सिटी मजिस्ट्रेट से सवाल पूछा कि जब चेयरमैन का प्रशासनिक व वित्तीय पावर सीज है तो हस्ताक्षर क्यों कराया जा रहा है। सिटी मजिस्ट्रेट ने स्पष्ट रूप से कहा कि कहा वो आदेश है कि चेयरमैन का वित्तीय पावर सीज है। कोई वित्तीय पावर सीज नहीं है, यह गलतफहमी है। अगर वित्तीय पावर सीज होता तो हम और ईओ यहां हस्ताक्षर नहीं कराने आते।
उधर चेयरमैन के लोगों का कहना है कि चेयरमैन का प्रशासनिक और वित्तीय पावर सीज कर उनके आवास पर नोटिस चस्पा कर दी गई थी। इस सवाल पर अधिशासी अधिकारी ने कहा था कि ददरी मेला को लेकर मामला था लेकिन नगरपालिका परिषद बोर्ड के अध्यक्ष की कोई प्रशासनिक व वित्तीय पावर सीज नहीं है। वहीं सिटी मजिस्ट्रेट से जब एक पत्रकार ने सवाल किया कि जब चेयरमैन का पावर सीज नहीं है तो प्रशासन लिखित रूप से अखबारों या चेयरमैन को दे दिया जाए ताकि स्थिति स्पष्ट हो जाए।
सिटी मजिस्ट्रेट ने कहा कि जब वित्तीय पावर सीज करने का आदेश लिखित रूप से नहीं दिया गया है तो यह कैसे लिखकर दे दिया जाए कि उनका वित्तीय पावर सीज नहीं है। सिटी मजिस्ट्रेट ने दोबारा स्पष्ट रूप से कहा कि चेयरमैन का कोई प्रशासनिक व वित्तीय पावर सीज नहीं है।

