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Ballia : धरातल पर अधूरी तैयारियां, प्रशासनिक खींचतान में फंसे ददरी मेला के व्यापारी

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बलिया। कार्तिक पूर्णिमा स्नान पांच नवंबर को है, और इसी दिन से ऐतिहासिक ददरी मेला पारंपरिक रूप से सज-धजकर शुरू हो जाता है। हर साल व्यापारी अपनी दुकानें सजा लेते हैं और मेला मैदान रंगीन रोशनी से जगमगा उठता है। मगर इस बार तस्वीर कुछ और है। मेला शुरू होने से एक दिन पहले तक न तो मेला मार्ग तैयार हुआ है और न ही व्यापारियों को जमीन आवंटित की गई है।


मेला स्थल पर पहुंचे सैकड़ों व्यापारियों ने बताया कि इस बार कीचड़युक्त मार्ग और अव्यवस्थित हालात से भारी परेशानी हो रही है। ट्रकों में लाया गया सामान मेला परिसर में प्रवेश करते ही कीचड़ में फंस जा रहा है। व्यापारी बेबस होकर प्रशासनिक इंतज़ामों पर सवाल उठा रहे हैं।


जिला प्रशासन ददरी मेले में बेहतर व्यवस्था के दावे जरूर कर रहा है, लेकिन धरातल पर हकीकत इसके उलट है। मंगलवार को जब व्यापारी मेला स्थल पहुंचे तो न बिजली की व्यवस्था थी, न पानी, न ठहरने की कोई सुविधा। हर ओर अव्यवस्था और असहायता का माहौल देखने को मिला।


नगर पालिका और जिला प्रशासन के बीच चल रही खींचतान ने इस बार मेले की रौनक पर असर डाल दिया है। व्यापारी कहते हैं “मेला तो सज रहा है, पर रोज़ी-रोटी की उम्मीदें बुझ रही हैं।” परंपरा, आस्था और रोजगार का संगम कहे जाने वाले ददरी मेले में इस बार प्रशासनिक उदासीनता ने उत्साह की जगह मायूसी फैला दी है।

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