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Ballia : सील होने के बाद भी धड़ल्ले से चल रहे अवैध निजी अस्पताल, लापरवाही से बिगड़ रही स्वास्थ्य व्यवस्था

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बलिया। जिले में अवैध निजी अस्पतालों का जाल स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर रहा है। सबसे बड़ी विडंबना यह है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा कार्रवाई कर इन्हें सील किए जाने के कुछ ही दिनों बाद ये दोबारा खुलकर संचालित होने लगते हैं। इससे साफ है कि ऐसे अस्पतालों का नेटवर्क इतना मजबूत है कि प्रशासनिक कार्रवाई और नियम-कानून का इन पर कोई असर नहीं हो रहा।
सूत्रों के मुताबिक, जिले में कई अस्पताल बिना मान्यता और पंजीकरण के खुले हुए हैं। इनमें प्रसूताओं और नवजात शिशुओं की मौतों के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। यही नहीं, सीएमओ कार्यालय के अधिकारियों पर मिलीभगत के आरोप भी लग रहे हैं। विभागीय कार्रवाई अक्सर केवल कागजों तक ही सीमित रह जाती है।

यहां का है ताजा मामला
सहतवार कस्बे में संचालित एक निजी अस्पताल में गर्भवती महिला की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल को सील कर दिया था। लेकिन 15 दिन बाद ही वहां फिर से अवैध रूप से इलाज शुरू कर दिया गया। इसी तरह बेल्थरारोड में चार महीने पहले एक नवजात की मौत के बाद सील किया गया अस्पताल भी कुछ समय बाद दोबारा चालू हो गया।

परिजनों ने लगाया आरोप
ग्रामीणों का कहना है कि इन अस्पतालों में बिना पंजीकरण के डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ मरीजों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। कई बार गंभीर स्थिति वाले मरीजों को यहां भर्ती कर लिया जाता है और इलाज में लापरवाही के चलते उनकी जान चली जाती है।

इस मामले में सीएमओ ने कहा
सीएमओ बलिया डॉ. विजय वर्मन ने कहा कि निजी अस्पतालों के खिलाफ लगातार जांच की जा रही है। शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाएगी और अवैध नर्सिंग होम व क्लीनिक पर सख्त अभियान चलाया जाएगा।

जनता की मांग
स्थानीय लोगों ने जिलाधिकारी और उच्चाधिकारियों से गुहार लगाई है कि ऐसे अवैध अस्पतालों पर कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि आमजन की जान से खिलवाड़ बंद हो सके।

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