Ballia : बलिया पहुंची स्वर्वेद संदेश यात्रा, आध्यात्मिक ऊर्जा से सराबोर हुई अवतरण-स्थली

बलिया। कश्मीर से कन्याकुमारी तक चल रही स्वर्वेद संदेश यात्रा जब सद्गुरु सदाफल देव जी महाराज की अवतरण-स्थली बलिया पहुंची, तो यह केवल एक आयोजन नहीं रहा, यह बन गया एक आध्यात्मिक जागरण का उत्सव। इस पुण्यभूमि पर संत प्रवर विज्ञान देव जी महाराज के पावन सान्निध्य में स्वर्वेद संदेश यात्रा का भव्य आयोजन हुआ।

कार्यक्रम की शुरुआत पदयात्रा, ध्वजारोहण, दीप प्रज्वलन और राष्ट्रगान से हुई। इसके बाद आयोजित जय स्वर्वेद कथा में संत प्रवर जी ने जीवन की सही दिशा और आत्मिक प्रेरणा का संदेश दिया।

उन्होंने कहा कश्मीर से कन्याकुमारी तक यह मात्र कोई जमीन का टुकड़ा नहीं है। यह हमारी मातृभूमि, हमारी संस्कृति, हमारी विरासत है, यह वंदन योग्य है।
योग-साधना और स्वर्वेद की संगीतमयी प्रस्तुति
संत प्रवर जी ने उपस्थित श्रद्धालुओं को विहंगम योग की क्रियात्मक साधना सिखाई और कहा यह साधना खुद से खुद की दूरी मिटाने के लिए है। करीब दो घंटे तक जय स्वर्वेद कथा की दिव्य वाणी प्रवाहित होती रही। स्वर्वेद के दोहों की संगीतमयी प्रस्तुति ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

राष्ट्रव्यापी संदेश यात्रा का विराट उद्देश्य
आयोजकों ने बताया कि यह यात्रा संत समाज के 102वें वार्षिकोत्सव तथा 25,000 कुण्डीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ (25-26 नवम्बर 2025, स्वर्वेद महामंदिर धाम, वाराणसी) के निमित्त आयोजित की जा रही है। इसका शुभारंभ 29 जून को कश्मीर से संत प्रवर विज्ञान देव जी महाराज द्वारा हुआ। अब तक यह यात्रा कश्मीर, जम्मू, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश (कानपुर, लखनऊ, देवरिया) होते हुए बलिया पहुंची है।

