Ballia : अंबिका को लेकर सजने लगा राजनीतिक फील्ड

रोशन जायसवाल,
बलिया। पूर्व मंत्री अंबिका चौधरी एक बार फिर राजनीतिक सुर्खियों में आ गये। राजनीतिक गलियारों में उनके चुनाव लड़ने की चर्चा शुरू हो गई। वहीं अंबिका को लेकर राजनीतिक फील्ड सजने लगा है। इन दिनों पूर्व मंत्री अंबिका चौधरी कार्यकर्ताओं और अपने शुभचिंतकों से संपर्क बनाने में तेजी आई है। फेफना की राजनीति में अंबिका चौधरी को लोग अब विधायक के रूप में देखना चाहते है। हालांकि अंबिका चौधरी से चुनाव लड़ने के सवाल पर अभी बातचीत नहीं हुई है लेकिन उनके समर्थक और कार्यकर्ता उनके नाम का डंका बजा रहे है। बहरहाल जो भी 2027 के विधानसभा चुनाव में अंबिका चौधरी ताल ठोक सकते है।
गौरतलब हो कि अंबिका चौधरी मुलायम सिंह यादव के सरकार में दो बार मंत्री रहे है और चार बार क्षेत्र के विधायक। पहली बार वे 1993 में, दूसरी बार 1996 में 2002 में और 2007 में विधायक बने और 2012 में चुनाव हार गये। लेकिन अखिलेश सरकार में मुलायम सिंह यादव ने 2012 में एमएलसी बनाकर उन्हें मंत्री बनाया। 2017 के चुनाव हारे लेकिन 2022 में वे चुनाव नहीं लड़े, वे सपा प्रत्याशी संग्राम सिंह यादव को जिताने में पूरी ताकत लगा दी।
बात हो फेफना या उत्तर प्रदेश की, अंबिका चौधरी का नाम आज राजनीति के क्षेत्र में आदर से लिया जाता है। उन्होंने कार्यकर्ताओं के सम्मान को कभी झुकने नहीं दिया। जब-जब कार्यकर्ताओं पर संकट आया तब-तब अंबिका चौधरी चट्टान की तरह खड़े रहे। उनके कार्यकर्ता और समर्थक अब कहना शुरू कर दिये है कि इस बार के चुनाव को बहुत ही खास बनाया जाएगा और अपने नेता को जीत का सेहरा पहनाया जाएगा।
गंगा बहुउद्देशीय सभागार व माडल तहसील है अंबिका की देन
बलिया। आज भी नौजवान और लोग बड़े आदर के साथ पूर्व मंत्री अंबिका चौधरी के नाम की चर्चा करते है। वे कहने में थोड़ा भी संकोच नहीं करते है कि इनके प्रयास से माडल तहसील व गंगा बहुउद्देशीय सभागार बना जो आज भी एक मिसाल है। अधिकारी हो या विभिन्न राजनीतिक दलों के लोग हो या समाजसेवी संस्थाएं, अधिकतर कार्यक्रम गंगा बहुउद्देशीय सभागार में होता है। ऐसे में पूर्व मंत्री अंबिका चौधरी के नाम की चर्चा हो जाती है। यही नहीं कलेक्ट्रेट को भी इन्होंने सुंदरीकरण कराया।

