Ballia : सोफा कवर विवाद पर हत्या या किसी बड़े राज़ की पर्दादारी? टेंट कारोबारी हत्याकांड में कई सवाल अब भी अनसुलझे

बलिया। टेंट कारोबारी अजीत सिंह हत्याकांड में पुलिस ने मुख्य आरोपित पीयूष सिंह, अनीष सिंह और अंकुर सिंह को गिरफ्तार कर चालान कर दिया है। हालांकि पुलिस की इस कार्रवाई के बावजूद ग्रामीणों और परिजनों के मन में कई सवाल जस के तस बने हुए हैं।
हल्दी थाना क्षेत्र के परसिया निवासी टेंट कारोबारी अजीत सिंह के लापता होने की सूचना 23 नवंबर को पुलिस को दी गई थी। चार टीमों की तलाश के बीच तीसरे दिन गंगापुर गंगा घाट पर नदी में बाइक से बंधा शव मिलने के बाद सनसनी फैल गई। शिनाख्त अजीत के रूप में हुई तो परिजनों में कोहराम मच गया।
छोटे भाई चन्दन सिंह की तहरीर के अनुसार घटना की रात अजीत मझौवा में अनीश सिंह की बहन की शादी में टेंट लगा रहे थे। कुर्सी व सोफा के कवर के रंग पर हुए विवाद को हत्या की वजह बताया गया है। पुलिस का दावा है कि कवर बदलने की शिकायत पर अजीत द्वारा उल्टा पैसे मांगने से तीनों आरोपित भड़क गए और गला दबाकर हत्या कर दी तथा शव को बाइक से बांधकर नदी में फेंक दिया।
इस कहानी पर भरोसा नहीं कर पा रहे ग्रामीण
लेकिन ग्रामीण इस कहानी पर भरोसा नहीं कर पा रहे हैं। उनका कहना है कि अजीत और पीयूष की गहरी दोस्ती थी, दोनों पार्टी करते, आते-जाते रहते थे। ऐसे में सिर्फ कवर बदलने जैसी मामूली बात पर हत्या किसी के गले नहीं उतर रही। ग्रामीणों का दावा है कि घटना के दौरान लावा मिलाई के वक्त दोनों भाई मौजूद नहीं थे, जिससे शक और गहराता जा रहा है स्थानीय लोगों का कहना है कि मामला सिर्फ कवर विवाद का नहीं, बल्कि इसके पीछे कोई बड़ा कारण या चौथे व्यक्ति को बचाने की कोशिश हो सकती है। वहीं पुलिस इस एंगल पर खुलकर कुछ भी कहने से बच रही है, जिससे सवाल और बढ़ते जा रहे हैं।
बच्चों के साथ वाराणसी में रहती हैं मृतक की पत्नी
अजीत की पत्नी बच्चों के साथ वाराणसी में रहती है और गांव आती-जाती रहती है। परिवार अब न्याय की उम्मीद में पुलिस से निष्पक्ष जांच की मांग कर रहा है। वहीं इसकी जानकारी होते मृतक के परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल है।
पुलिस के अगले कदम का इंतजार कर रहे लोग
स्थानीय स्तर पर चर्चाओं का बाज़ार गर्म है, आखिर क्या वजह थी कि दोस्ती को ताक पर रखकर इस वारदात को अंजाम दिया गया? मामला अभी भी कई रहस्यों को समेटे हुए है और ग्रामीणों को पुलिस के अगले कदम का इंतजार है।

