Ballia : मनियर गौशाला में इलाज के अभाव में मरने को मजबूर गौवंश

पशु चिकित्सा के केबिन में ताला लगा, मौके पर कोई मौजूद नहीं
बलिया। एक तरफ जहां प्रदेश की सरकार गोवंशों को लेकर हर संभव मदद करने के लिए प्रयासरत है। सरकार ने गोवंशों पर प्रतिदिन खर्च होने वाले धन को 30 रुपए से बढ़ाकर 50 रुपए कर दी है, परंतु वहीं मनियर नगर पंचायत के अंतर्गत आने वाले कान्हा पशु गौशाला में गोवंशों की स्थिति बद से बदतर दिखाई दे रही है। गौशाला में घायल दो गोवंश को जुट की बोरी से ढक कर तड़प-तड़प कर मरने के लिए छोड़ दिया गया है। इन गोवंश को अभी इलाज की जरूरत है, लेकिन गौशाला में बने पशु चिकित्सा का केबिन में ताला लगा हुआ है, मौके पर कोई पशु चिकित्सा मौजूद नहीं है। जब इस संबंध में गौशाला में काम कर रहे कर्मचारियों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मौके पर 165 गोवंश हैं जिनका खाना पीना यहां होता है। वहीं देखा गया तो गौशाला में 165 पशुओं को खिलाने के लिए मात्र दो बोरी महा पशु आहार की बोरी एवं आधा बोरी चोकर मौजूद था। वहीं गोवंश नगर पंचायत में कचरा उठाने वाले छोटी गाड़ी में केवल सूखा भूसा खा रहे हैं उसमें न तो हरा चारा दिखाई दे रहा है और न ही पशु आहार और चोकर। सबसे बड़ी बात यह है कि इसके जिम्मेदार कौन है? कौन इन पशुओं को इलाज कराएगा और सही समय पर गौशाला में मौजूद गोवंशों के लिए सही चारा की व्यवस्था कराएगा। इस मामले में जब अधिशासी अधिकारी से बात की गई तो वो बिफर पड़े और कहने लगे कि आपको एक साल पहले गौशाला की स्थिति देखनी चाहिए थी और कहा कि अगर आपको ज्यादा जानकारी चाहिए तो एसडीएम बांसडीह से बात कर लीजिए।
उद्देश्य कुमार सिंह

