Asarfi

Ballia : बलिया में चेहल्लुम जुलूस, ग़मगीन माहौल में हुई मातमी रस्में

width="500"

बलिया। कर्बला की जंग में इंसानियत और सच्चाई की रक्षा के लिए हज़रत इमाम हुसैन ने अपने छह माह के मासूम अली असगर के साथ 72 जानिसारों की कुर्बानी दी थी। उनकी इसी कुर्बानी की याद में मंगलवार को स्व. मुनीर हसन ज़ैदी के कदीमी इमामबाड़े से चेहल्लुम का जुलूस नमाज़-ए-जोह़र के बाद निकाला गया। जुलूस तय मार्गों से होते हुए देर शाम शिया जामा मस्जिद पर संपन्न हुआ।


इससे पहले इमामबाड़े में मजलिस-ए-चेहल्लुम हुई, जिसे मौलाना अज़ीम जौरासी ने संबोधित किया। जुलूस में अमारी, ताजिया, ताबूत, दुलदुल आदि परंपरागत प्रतीक शामिल रहे। जलालपुर से आए अंजुमन मोहिब्बाने हुसैन के नौहाख़्वां अली ज़हीर और बिशुनीपुर के अली ज़ैदी के नौहों से पूरा माहौल ग़मगीन हो उठा।


बिशुनीपुर मस्जिद चौराहा पर अंजुमन हाशिमियां ने अन्य अंजुमनों के साथ मिलकर जंजीरी मातम किया। वहीं शिया जामा मस्जिद के सामने मौलाना तकी रज़ा गोपालपुरी ने अलविदाई तक़रीर पेश की, जिससे मोमिनीन भावुक होकर रो पड़े।

इस मौके पर बड़ी संख्या में अकीदतमंद मौजूद रहे। पेशख़्वानी अली ज़ैदी और हसनैन अब्बास ने की, जबकि सोजख़्वानी अफ़रोज़ हैदर ‘कामयाब’ व उनके साथियों ने पेश की। अंजुमन के सदर शहनशाह ज़ैदी ने जिला एवं पुलिस प्रशासन के सहयोग के लिए आभार जताया।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *