भारत की सड़कों के लिये नई जान, जेएमवीडी ने किया निदान

एमएसएस प्रोडक्ट से बन रही सड़कों में मिल रही गुणवत्ता
रोशन जायसवाल
लखनऊ/बलिया। अब नए टेक्नोलाजी से प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत गांव की सड़के बन रही है इसमें एमएसएस प्लस प्रोडक्ट का कमाल बताया जा रहा है। गांव के लोग यह भी कह रहे है कि पहले सड़कें तारकोल को सड़क के किनारे गरम करके बनाई जाती थी जिससे निकलने वाले आग और धुंवा से प्रदूषण फैलता था और पर्यावरण पर विशेष प्रभाव भी पड़ता था। अब उससे मुक्ति मिल गयी है।

अब नए टेक्नोलॉजी मशीन से एम0एस0एस प्रोडक्ट के जरिए प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की सड़के बन रही है, पहले तो सरकार को इस प्रोडक्ट पर भरोसा नहीं था तो एक ट्रायल रूप में लखनऊ की जे0एम0वी0डी0 इंडस्ट्रीज प्रा0 लि0 को लखनऊ से 40 किलोमीटर दूर हिम्मतपुर गांव में 300 मी सड़क बनाने को कहाँ गया वह भी बीना भुगतान का,शर्त यह भी रखा गया कि सरकार तीन वर्ष तक सड़क की मजबूती देखेगी यदि तीन वर्ष सड़क की मजबूती बरकरार रही तो उसके बाद ही एमएसएस प्रोडक्ट पर विश्वास किया जाएगा।

सरकार के इस फैसले पर इंडस्ट्रीज पीछे नहीं हटी और 2022 मे हिम्मतपुर गांव में 300 मीटर सड़क बनवाई गयी उसके बाद बकायदे सड़क की जांच भी की गयी और जाँच मे कई जगहो पर सड़क की खुदाई भी की गयी सब कुछ ठीक-ठाक मिलने के

बाद ही प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना विभाग ने जेएमवीडी इंडस्ट्रीज को अमानीगंज ढीलवासी इंटौंजा गांव मे सड़क निर्माण मे एमएसएस प्लस प्रोडक्ट का इस्तेमाल करने का ठेकेदार को निर्देश दिया गया।

सड़क बनने के बाद उसकी भी जांच की गई विभाग के अधिकारियों ने सड़क की गुणवत्ता भी चेक की, संतुष्ट होने के बाद जेएमवीडी इंडस्ट्रीज प्रा0 लि0 को एमएसएस प्लस प्रोडक्ट के माध्यम से उत्तर प्रदेश के कुल 6 जनपद, लखनऊ, बाराबंकी, गोण्डा, रायबरेली, प्रयागराज और सुल्तानपुर के गांव मे 201 किलोमीटर मीटर सड़क बनाने की जिम्मेदारी दी है।

क्या बोले जेएमवीडी इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक रविशंकर जायसवाल
रविशंकर जायसवा ने कहा कि वर्षों की कड़ी मेहनत अब रंग लाई है। अब नए टेक्नोलॉजी से बन रही है। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क को बहुत मजबूती मिल रही है पहले एमएसएस प्लस प्रोडक्ट पर सरकार को विश्वास नहीं हुआ जब प्रोडक्ट के इस्तेमाल से 300 मीटर की सड़क बनी और तीन वर्ष बाद उसे चेक किया गया तो सड़क पूरी तरह फिट मिली उसके बाद ही हमें उस प्रोडक्ट के जरिए प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना बनाने की बात कही गई तब जाकर मेरी बरसों की मेहनत रंग लाईं।

